नर्मदेश्वर शिवलिंग का क्या महत्व है – वैसे तो हम सभी जानते है की नर्मदेश्वर शिवलिंग का सभी शिवलिंगों में एक विशेष महत्व है| क्युकी नर्मदेश्वर शिवलिंग साक्षात् भगवान भोले नाथ का स्वरूप है| हिंदू धर्म में शिवलिंग की पूजा सभी मंदिरों और घरों में की जाती है। क्योंकि शिवलिंग भगवान शिव का ही रूप है। भगवान शिव देवों के देव महादेव हैं। जो अपने भक्तों पर जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव धरती पर शिवलिंग के रूप में सदैव विराजमान हैं।
- What is Narmadeshwar Shivling?
- नर्मदा बाणलिंग या बनालिंगम || narmda banalingam
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा के फायदे || Narmadeshwar Shivling Benefits
- घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना कैसे करे|| ghar me narmdeshwar shivling ki sthapana
- Where to buy Narmadeshwar Shivling|| buy shivling online
- नर्मदेश्वर शिवलिंग कैसे प्राप्त करें || नर्मदेश्वर शिवलिंग online
What is Narmadeshwar Shivling?
भगवान शिव एकमात्र ऐसे देवता हैं। जिनकी पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है।शिवलिंग का अर्थ है सृजन और निर्माण । शिवलिंग में संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा समाहित है। जो संसार चक्र को बनाए रखता है। शिवलिंग शक्ति और ऊर्जा से मिलकर बना है प्रलयकाल में संपूर्ण सृष्टि जिसमे विलीन हो जाती है। और पुनः सृष्टिकाल में जिससे निर्मित होती है|उसे शिवलिंग कहते हैं।
ऐसे ही सभी शिवलिंगों में सबसे विशेष नर्मदेश्वर शिवलिंग है | जो इतना पवित्र और पावन है की स्पर्श करने मात्र से ही हम उसकी ऊर्जा को महसूस कर सकते है | नर्मदा से निकलने के कारन यह शिवलिंग पवित्र हो जाता है तथा भोले नाथ का आशीर्वाद मिलने के कारण इन्हें हम मंदिरों और घरो में नर्मदेश्वर शिवलिंग के रूप में पूजते है
narmdeshwar shivling home pooja || Best Narmadeshwar Shivling for home
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा सभी शिवलिंगों की पूजा से कई गुना ज्यादा फल देती है | कहते है की हजारो मिटटी के शिवलिंगों की पूजा करने से जो पुण्य मिलता है उससे अधिक घातु के शिवलिंगों की पूजा करने से मिलता है परन्तु नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही सभी पापो का नाश हो जाता है | तथा भगवान भोले नाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है
नर्मदा बाणलिंग या बनालिंगम || narmda banalingam
नर्मदा बाणलिंग या बनालिंगम माँ नर्मदा की गोंद से निकलने के कारण इन्हे नर्मदा बनालिंगम कहते है | जो माँ नर्मदा और प्रकृति की एक अद्भुत रचना है | माँ नर्मदा ही एक ऐसी नदी है |जो पूर्व से पश्चिम की और उल्टी दिशा में बहती है| जिससे नर्मदा का बहाव तेज गति का होता है| जिससे रास्ते में आने वाले जितने भी कंकर पत्थर होते है|
वे नर्मदा के तेज बहाव में आने और घर्षण होने के कारण यह पत्थर | गोल अंडाकार रूप धारण कर लेते है| माँ नर्मदा के तल से निकलने के कारण इनमे एक दिव्य और अद्भुत ऊर्जा का संचार होता रहता है जो स्वयं ही शिवलिंग का रूप धारण कर लेते है इसी लिए इन्हे नर्मदा बनालिंगम कहते है
नर्मदा बाणलिंग का नाम बाणासुर के नाम पर बाणलिंग रखा गया था | प्राचीन काल की कथा के अनुसार है बाणासुर नाम का एक दानव था| जो भोलेनाथ की भक्ति करता था| बाणासुर कुल का तो राक्षश था परन्तु भक्तराज प्रह्लाद के कुल का होने के कारण भगवान में भी आस्था रखता था|
एक बार बाणासुर ने भगवान शिव शम्भू की घोर तपस्या की जिससे भगवान भोले नाथ प्रसन्न हुए, और बाणासुर को वरदान मागने को कहा बाणासुर ने भोले नाथ से कहा की आप मुझे शिवलिंग प्रदान कीजिये तभी भोले नाथ ने शिवलिंग का निर्माण किया बाणासुर ने भोले नाथ से कहा की आप सदैव इस शिवलिंग के रूप में रहेगे |
तब भोले नाथ ने प्रसन्न होकर कहा की में इस शिवलिंग के रूप में सदा विराजमान रहूँगा बाणासुर खुश होकर शिवलिंग अपने साथ ले गया, तथा उन्हें अमरकंटक नामक पर्वत पर विराजित करके पूजा अर्चना करता था |
यह शिवलिंग पर्वत से गिरकर नदी में बहने लगे वह और वह नदी कोई नही बल्कि स्वयं मा नर्मदा थी क्युकि अमरकंटक पर्वत से माँ नर्मदा का ही आगमन हुआ है | और शिवलिंग बाणासुर के द्वारा लाये गये थे| इसलिए इनका नाम बाणलिंग भी रखा गया और नर्मदा में बहने के कारण इन्हे नर्मदेश्वेर शिवलिंग कहा जाता है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा के फायदे || Narmadeshwar Shivling Benefits
आप सभी जानते है की नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है|नर्मदेश्वेर शिवलिंग की पूजा से सभी देवताओ की पूजा हो जाती है | नर्मदेश्वेर शिवलिंग भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप है | जिसकी पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव शम्भु प्रसन्न होते है |तथा हर मनोकामना पूर्ण करते है
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा अर्चना करने से मनुष्यों की शक्ति बढती है।
- इस शिवलिंग पर नीला कमल अर्पण करने से भाग्य उदय होता है, तथा तुलसी की मंजरी अर्पण करने से शिव भक्ति प्राप्त होती है।
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करने से घर में धन और धन्य की कभी कमी नही होती
- शिवलिंग पर सरसों का तेल चढाने से शत्रुओ का नाश होता है
- नर्मदेश्वर शिवलिंग पर जल अर्पण करने से शिव की कृपा से ज्ञान की वृद्धि होती है।
घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना कैसे करे|| ghar me narmdeshwar shivling ki sthapana
नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना के कुछ अपने नियम है | परन्त्तु अन्य देवताओ की स्थापना से कई गुना सरल स्थापना नर्मदेश्वर शिवलिंग की है | क्युकी नर्मदेश्वर शिवलिंग स्वयंसिद्ध स्वयंभू शिवलिंग है | जिनको प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नही होती है|
- नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में साफ और खुली जगह स्थापित करना चाहिए जिससे घर में शांति का वातावारण रहता है | और नकारात्मकता दूर होती है|
- नर्मदेश्वर शिवलिंग को घर में अंगूठे के बराबर या 2 इंच से लेकर 4 इंच का रखना अति शुभ बताया गया है| इसलिए घर में ज्यादा बड़े आकार का शिवलिंग नहीं रखना चाहिेए बल्कि छोटा नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करना चाहिए।
- शिवपुराण के अनुसार घर में एक से ज्यादा शिवलिंग नहीं रखने चाहिए।
- नर्मदेश्वर शिवलिंग पर कभी भी तुलसी, हल्दी और केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए,क्युकी पुरानो में इसके बारे में उल्लेख है की भगवान बोले नाथ को ये फुल नहीं चढ़ाये जाते |
- नर्मदेश्वर शिवलिंग को स्थापित करने के बाद बार बार स्थान परिवर्तन नही करना चाहिए अगर स्थान बदलना अति आवश्यक हो तो शिवलिंग का स्थान बदलते समय उसके चरणों को स्पर्श करे तथा एक बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें शिवलिंग को रखें। यदि शिवलिंग पत्थर का बना है तो उसका गंगाजल से अभिषेक भी करें
- नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित कर रहे है तो उन्हें नाग की आवश्यकता नही होती मंदिरों में नाग लिपटा शिवलिंग रखा जाता है
Where to buy Narmadeshwar Shivling|| buy shivling online
नर्मदेश्वर शिवलिंग कैसे प्राप्त करें || नर्मदेश्वर शिवलिंग online
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