नर्मदेश्वर शिवलिंग अत्यंत शक्तिशाली शिवलिंग माने जाते है| क्युकी नर्मदेश्वर शिवलिंग माँ नर्मदा के तल से प्राप्त होते है| जिसमे समस्त ब्रह्माण्ड की ऊर्जा समाहित है | शिवलिंग पूजा की परंपरा प्राचीन काल से ही चल रही है| जिसके साहित्यिक और पुरातात्विक प्रमाण उपलब्ध हैं। शिवलिंग में शिव और शक्ति दोनों ही समाहित होते हैं. शिवलिंग की उपासना करने से दोनों की ही उपासना सम्पूर्ण हो जाती है.|
ऐसे ही नर्मदेश्वर शिवलिंग भोलेनाथ का निराकार रूप है | नर्मदेश्वर शिवलिंग को सीधे माँ नर्मदा के तल से निकाल कर घर या ऑफिस में स्थापित कर सकते है| शिवलिंग पूजा की परंपरा प्राचीन काल से ही चल रही है| जिसके साहित्यिक और पुरातात्विक प्रमाण उपलब्ध हैं। पुरानो के अनुसार हजरों मिट्टी के शिवलिंगों की पूजा करने से जो पुण्यफल की प्राप्ति होती है वही पुण्यफल नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है |
Narmdeshwar Shivling –
देवो के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए हम नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा आराधना करते है | क्युकी नर्मदेश्वर शिवलिंग भोलेनाथ का निराकार रूप है| जिनकी दर्शन मात्र से ही सभी पापो का अंत हो जाता है | यह शिवलिंग माँ नर्मदा को भोलेनाथ का आशीर्वाद है | जो हमें माँ नर्मदा के ताल से प्राप्त होते है | जिन्हें हम नर्मदा से निकाल कर घर या मंदिर में स्थापित कर सकते है | नर्मदेश्वर शिवलिंग में एक अलोकिक उर्जा का संचार होता रहता है|
जिसे हम हाथ से स्पर्श करके भी महसूस कर सकते है| कहते है की जिस घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग का वास रहता है वहा नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नही होता है| धरती पर सबसे सीधा और सरल उपाय नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा करके भोलानाथ को प्रसन्न कारना है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग का महत्व – What is Narmadeshwar Shivling?
नर्मदेश्वर शिवलिंग नर्मदा नदी से निकलने के कारण यह और भी पवित्र हो जाते है | नर्मदेश्वर शिवलिंग का एक विशेष महत्व यह है की यह शिवलिंग स्वयं सिद्ध होते है | जिनको प्राणप्रतिष्ठा की आवश्यकता नही होती है | कहते है की हजारो शिवलिगो की पूजा से जो पुण्य फल मिलता है वही पुण्य फल नर्मदेश्वर शिवलिंग के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है | पुरानो के अनुसार नर्मदा को शिव का वरदान प्राप्त था की | नर्मदा हर कंकर शिवशंकर के रूप में पूजा जायेगा इसीलिए नर्मदा से निकले कंकर पवित्र और शक्तिशाली होते है|
पुराणिक कथा के अनुसार
पुरानो में कहा गया है की प्राचीन काल में नर्मदा नदी ने जब गंगा नदी के समान मोक्ष दयानी ,पापनाशिनी बनने का निश्चय किया तो माँ नर्मदा ब्रह्मा जी की तपस्या करने लगी क्योकि ब्रह्मा जी ही एक ऐसे देवता है| जो वरदानो के लिए प्रसिद्ध है| किसी भी देवता या दानव को जब वरदान प्राप्त करना रहता था.
तो वे ब्रह्मा जी की ही तपस्या करते थे, इसलिए माँ नर्मदा ने भी ब्रह्मा जी की तपस्या की और ब्रह्मा जी को प्रसन्न किया|तब ब्रह्मा जी ने नर्मदा से वरदान मागने को कहा, तब नर्मदा ने कहा की मुझे गंगा नदी के समान पाप नाशिनी तथा पूजनीय बना दीजिये , जिससे लोग मेरी पूजा अर्चना करे और मेरा नाम प्रख्यात हो तब ब्रह्मा जी ने कहा ,की इस संसार में एक समान कोई नहीं हो सकता है,
क्या भगवान विष्णु के समान कोई दूसरा पुरुष हो सकता है| क्या कोई दूसरा देवता भगवान शिव बराबरी कर सकता है| या देवी पार्वती के समान कोई दूसरी नारी हो सकती है नर्मदा जी ने ब्रह्मा जी की बात सुनकर वहा से चली गयी उसके बाद माँ नर्मदा ने भोले नाथ को प्रसन्न करने के लिए पिलपिला तीर्थ काशी पूरी में शिवलिंग की स्थापना की और तपस्या करने लगी.
तब भगवान शिव नर्मदा की तपस्या से बहुत प्रसन्न हुए ,और वरदान मागने को कहा तब नर्मदा ने कहा की भगवान मुझे इतना ही वर दीजिये की आपके चरणों में मेरी भक्ति सदैव बनी रहे|नर्मदा की बात सुनकर भगवान शिव शंकर बहुत प्रसन्न हुए और कहाँ की नर्मदे तुम्हारे तल पर जितने भी कंकर है वो सभी शंकर हो जायेगे और तुम्हारे दर्शन मात्र से सम्पूर्ण पापो का नाश हो जायेगा.
इतना कह कर भगवान शंकर उसी लिंग में सदा के लिए लींन हो गये और माँ नर्मदा भी इतने वरदान और पवित्रता पाकर बहुत प्रसन्न हुई| तभी से नर्मदा के कंकर को शंकर के रूप में पूजा जाता है जिसे नर्मदेश्वर शिवलिंग के नाम से जानते है.
नर्मदेश्वर शिवलिंग के लाभ || narmdeshwar shivling benifits
- नर्मदेश्वर शिवलिंग की रोजाना पूजा करने से सभी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
- सफलता प्राप्त करने के लिए नर्मदेश्वर शिवलिंग की प्रति दिन पूजा करनी चाहिए।
- ऐसा माना जाता है कि जहां नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना होती है वह परिवार में सुख और शांति का वातावारण रहता है |
- जिस घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग की पूजा आराधना पति पत्नी दोनों करते है वहां पति-पत्नी के बीच सौहार्दपूर्ण और मधुर सम्बन्ध रहते है |
- घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना करने से वास्तु दोष दूर होता है|
- कार्यालय में नर्मदेश्वर शिवलिंग की स्थापना करने से व्यवसाय में बढ़ोतरी होती है | एवं कार्यो में सफलता मिलती है|
नर्मदेश्वर शिवलिंग कहा मिलते है || narmdeshwar shivling kaha milte
भारत की जीवन रेखा माँ नर्मदा को कंहा जाता है | जो मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के कसरावद तहसील के बकावां गांव में जो नर्मदा नदी बहती है| वही पर नर्मदेश्वर शिवलिंग प्राप्त होते है | बकावां में 20 प्रतिशत लोग नर्मदेश्वर शिवलिंग के निर्माण में जुटे है | बकावां गांव पर माँ नर्मदा का ऐसा आशीर्वाद है की यहाँ शिवलिंग बिना किसी बाधा के बनते है और विदेशो तक पहुचाये जाते है
| नमर्दा से पत्थरों को कारीगरों द्वारा निकला जाता है और फिर उन्हें मशीनों द्वारा तरास कर चिकना तथा अंडाकार रूप प्रदान किया जाता है | पहले यह कंकर पूर्ण रूप से अंडाकार होते थे | परन्तु अब नर्मदा का बहाव धीमा होने के कारण शिवलिंग पूर्ण अंडाकार रूप में नही होते है | इन्हे मशीनों द्वारा तरासा जाता है |तभी यह शिवलिंग के आकार में होते है |